रामदेवरा मेला भाद्रपद शुक्ल द्वितीया से ग्यारस तक भरेगा
जिला कलेक्टर टीना डाबी ने स्वर्ण मुकुट प्रतिष्ठान के दौरान किए बाबा के दर्शन।
रामदेवरा मेले में सभी धर्मों के लोग अपनी आस्था व्यक्त करने आते हैं। हिन्दूओं में बाबा रामदेव जी ‘रुणिचे रा श्याम’ तो मुस्लिमों में ‘रामसा पीर/ रामा पीर’ के नाम से प्रसिद्ध है।
’ बाबा रामदेव जी
की ध्वजा को “नेजा” कहा जाता है.
मान्यता है कि जो भी भक्त श्रद्धा भाव से रामसापीर के दर्शन करता है उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है.
लोकदेवता बाबा रामदेव ने जातीय आधार पर ऊंच-नीच के भेद भाव को मिटाकर समाजिक समरसता के प्रतीक बनें.